सुंदरवन की कहानी | Sundervan Ki Kahani |Panchatantra Stories
There was a beautiful forest called Sundarban. Many animals, animals and birds used to live there.
Gradually the beauty of the Sundarbans was diminishing.
Animals and birds were also going from there to another forest.
The reason was that it had not rained there for a few years.
Due to which the scarcity of water in the forest was increasing continuously.
The greenery of the trees and plants was ending, and the mind of the animals and birds was not even there.
Everyone was leaving the forest and going to another forest that when the vultures flew up and saw them, they saw dark clouds coming towards the forest.
He told everyone that dark clouds are coming towards the forest, now it will rain.
On this all the animals and birds came back to the Sundarbans.
सुंदरवन की कहानी | Sundervan Ki Kahani |Panchatantra Stories
Soon it rained a lot for a while. It rained so much that it continued for two or three days.
When all the animals and birds came out after the rain stopped, they saw that there was a lot of water in their pond and lake.
New leaves had come out on all the trees.
Everyone rejoiced at this and everyone celebrated.
Everyone’s heart was happy, ducks were now swimming in the lake,
deer were celebrating happiness by running and many pappihe – Dadur together were inventing a new raga.
In this way all the animals, animals and birds were happy, now they had given up their intention to go to another forest and started living happily in their home.
moral :
The fruit of patience is sweet.
When situations are not good then wait for the right time.
Take your time before doing any important work.
Gather right knowledge before taking any action.
सुंदरवन की कहानी | Sundervan Ki Kahani |Panchatantra Stories – सुंदरवन की कहानी की कहानी बताती है धैर्य का फल मीठा होता है।
सुंदरवन नामक एक खूबसूरत जंगल था। वहां खूब ढ़ेर सारे जानवर , पशु – पक्षी रहा करते थे। धीरे – धीरे सुंदरवन की सुंदरता कम होती जा रही थी।
पशु-पक्षी भी वहां से कहीं दूसरे जंगल जा रहे थे। कारण यह था कि वहां पर कुछ वर्षों से बरसात नहीं हो रही थी।
सुंदरवन की कहानी | Sundervan Ki Kahani |Panchatantra Stories
जिसके कारण जंगल में पानी की कमी निरंतर होती जा रही थी। पेड़ – पौधों की हरियाली खत्म हो रही थी , और पशु पक्षियों का मन भी वहां नहीं लग रहा था।
सभी वन को छोड़कर दूसरे वन में जा रहे थे कि गिद्धों ने ऊपर उड़ कर देखा तो उन्हें काले घने बादल जंगल की ओर आते नजर आए।
उन्होंने सभी को बताया कि जंगल की तरफ काले घने बादल आ रहे हैं , अब बारिश होगी।
इस पर सभी पशु-पक्षी वापस सुंदरबन आ गए।
देखते ही देखते कुछ देर में खूब बरसात हुई।
बरसात ईतनी हुई कि वह दो-तीन दिन तक होती रही।
सभी पशु पक्षी जब बरसात रुकने पर बाहर निकले तब उन्होंने देखा उनके तालाब और झील में खूब सारा पानी था। सारे पेड़ पौधों पर नए-नए पत्ते निकल आए थे।
इस पर सभी खुशी हुए और सभी ने उत्सव मनाया।
सभी का मन प्रसन्नता बत्तख अब झील मैं तैर रहे थे हिरण दौड़-दौड़कर खुशियां मना रहे थे और ढेर सारे पप्पीहे – दादुर मिलकर एक नए राग का अविष्कार कर रहे थे।
इस प्रकार सभी जानवर , पशु – पक्षी खुश थे अब उन्होंने दूसरे वन जाने का इरादा छोड़ दिया था और अपने घर में खुशी खुशी रहने लगे।
नैतिक शिक्षा – धैर्य का फल मीठा होता है।