New House Grah Parvesh : Grah Pravesh is the rituals performed before moving into a new house,
marking it as a significant and auspicious occasion in Indian culture. It is to purify the space, remove
any negative energy, and invoke blessings from deities for prosperity, health, and happiness in the new home.
Types of Grah Pravesh:
- Apoorva Grah Pravesh: For entering a newly constructed house.
- Sapurva Grah Pravesh: For re-entering a house after being away due to certain reasons like a long journey.
- Dwandwah Grah Pravesh: After renovations or rebuilding of a damaged house.
Key Rituals of Grah Pravesh:
- Shubh Muhurat (Auspicious Timing): The priest (pandit) consults the Vedic astrology chart and
selects an auspicious time and date for performing the ceremony, known as “Shubh Muhurat.” - Vastu Puja: People perform this puja to honor the Vastu Purusha (the deity of directions) and ensure that the house aligns with the positive energy of the universe.
- Ganesh Puja: Devotees worship Lord Ganesha, the remover of obstacles, to seek his blessings for peace
and prosperity in the new home. - Kalash Puja: People place a copper or silver pot filled with holy water, adorned with a coconut and
mango leaves, at the entrance of the house. This symbolizes abundance, purity, and divinity. - Havan (Fire Ceremony): Devotees perform the Havan, a sacred fire ritual, to purify the space and
invite the blessings of all the gods and goddesses. - Milk Boiling Ceremony: People boil milk in the new kitchen as a sign of prosperity. Some families also mix rice or sugar in it and distribute it as prasad.
- Entering the House: The family enters the new house with the right foot first, symbolizing a positive and auspicious start. The lady of the house, often considered Lakshmi (the goddess of wealth) incarnate, leads the procession inside.
Post-Ritual Traditions of New House Grah Parvesh:
- Lighting a Lamp: A lamp or diya is lit in front of the deities, symbolizing light and divine protection.
- Feast or Lunch: After the puja, a meal is usually prepared and shared with family members, neighbors, and friends as a form of celebration and blessing.
Auspicious Days for Grah Pravesh:
- Akshaya Tritiya
- Dussehra (Vijayadashami)
- Diwali
- Basant Panchami
These days are considered especially lucky for housewarming ceremonies.
Grah Pravesh not only sanctifies the home but also brings family members together in shared blessings and celebrations.
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New House Grah Parvesh – गृह प्रवेश
गृह प्रवेश अनुष्ठान, जिसे “गृह प्रवेश” या “गृह प्रवेश पूजा” भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू धार्मिक अनुष्ठान है जो नए घर में प्रवेश करने से पहले या उसमें पहली बार रहने के समय किया जाता है। इस अनुष्ठान का उद्देश्य नए घर को पवित्र करना, उसमें सुख-समृद्धि का आह्वान करना और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना होता है। गृह प्रवेश पूजा को विशेष रूप से शुभ मुहूर्त में करने का महत्व है, ताकि घर में शांति, सुख और समृद्धि बनी रहे।
गृह प्रवेश अनुष्ठान के प्रमुख चरण:
- शुभ मुहूर्त का चयन: सबसे पहले, पंडित से परामर्श कर गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त का चयन किया जाता है। यह ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर किया जाता है, जिसमें ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति को ध्यान में रखा जाता है।
- नारियल और कलश स्थापना: गृह प्रवेश के समय कलश और नारियल को लेकर पूजा की जाती है। यह कलश जल, आम के पत्तों, नारियल और अन्य पूजा सामग्री से भरा होता है, जो घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होता है।
- गणेश पूजा: सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है, क्योंकि उन्हें विघ्नहर्ता माना जाता है। इससे घर में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने का आशीर्वाद मिलता है।
- वास्तु पूजा: नए घर में वास्तु देवता की पूजा भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह पूजा घर को वास्तु दोषों से मुक्त करने और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखने के लिए की जाती है।
- हवन (यज्ञ): इसके बाद हवन किया जाता है, जिसमें मंत्रों का उच्चारण किया जाता है और अग्नि में आहुतियाँ दी जाती हैं। हवन के दौरान दी जाने वाली आहुतियों से वातावरण शुद्ध होता है और घर में शांति और समृद्धि का वास होता है।
- गृह प्रवेश: पूजा के बाद गृह स्वामी और उनका परिवार घर के अंदर प्रवेश करते हैं। घर के मुख्य दरवाजे से प्रवेश करते समय, नारियल फोड़ना और कलश के साथ घर में प्रवेश करना शुभ माना जाता है।
- अन्नप्राशन (भोजन का आयोजन): अनुष्ठान के बाद, सभी मेहमानों और परिवार के सदस्यों को भोजन कराया जाता है। यह पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें सबकी भलाई और समृद्धि की कामना की जाती है।
कुछ प्रमुख बातें:
- इस अनुष्ठान को सुबह के समय करना शुभ माना जाता है।
- नए घर में पहली बार रात बिताने से पहले गृह प्रवेश पूजा अवश्य करनी चाहिए।
- पूजा के बाद घर में सुख-शांति और समृद्धि के लिए नियमित रूप से दीपक जलाना और सफाई बनाए रखना अच्छा माना जाता है।
यह अनुष्ठान धार्मिक दृष्टिकोण से तो महत्वपूर्ण है ही, साथ ही यह परिवार के लिए एक नया और सकारात्मक आरंभ भी माना जाता है।