Devi Mahagauri - Eighth Navratri

Maa Mahagauri मां महागौरी

Maa Mahagauri माँ महागौरी, नवरात्रि के आठवें और अंतिम दिन की देवी हैं। उन्हें “महागौरी” के नाम से भी जाना जाता है,
जिसका अर्थ होता है “बहुत ही सफेद”। उनकी मूर्ति बहुत ही सादा होती है, और वे चंदन के साथ भरे हुए और
श्वेत वस्त्र में धारण करती हैं।

माँ महागौरी को सात सुंदरीयों में से एक माना जाता है। उनकी पूजा करने से भक्तों को शुद्धता, शांति,
और संयम की प्राप्ति होती है। इस दिन माँ महागौरी की आराधना से मान्यता है कि उनकी कृपा से भक्तों के मन,
वाणी, और काया की शुद्धता होती है।

उनकी पूजा के दौरान भक्तों को शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसलिए, माँ महागौरी की पूजा को विशेष भक्ति
और श्रद्धा से किया जाता है।

माँ महागौरी की पूजा करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:

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पूजा स्थल की तैयारी: पूजा के लिए एक शुद्ध और साफ स्थान चुनें। यह स्थान आसानी से पहुंचने और
पूजा करने के लिए उपयुक्त होना चाहिए। पूजा स्थल पर श्वेत वस्त्र, अपूर्व, और फूलों से सजावट करें।

आगमन और अवस्थापन: माँ महागौरी की मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित करें। उन्हें ध्यान में लेकर पूजा के लिए तैयार करें।

आवाहन और स्तुति: माँ महागौरी को आवाहन करें और उनकी प्रार्थना करें। उनके नामों का जाप करें और
उनकी महिमा गान करें।
मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
वन्दे वांछित कामार्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्। सिंहारूढाचतुर्भुजामहागौरीयशस्वीनीम्॥

पूजा अङ्ग: माँ महागौरी के लिए अन्य पूजा अङ्गों में अभिषेक, चंदन लगाना, पुष्पांजलि अर्पण, दीप जलाना,
आरती उतारना, मिठाई चढ़ाना, और प्रसाद बाँटना शामिल हो सकते हैं।

भक्ति और समर्पण: माँ महागौरी के चरणों में अपना मन, वचन, और क्रियाएँ समर्पित करें। उनकी कृपा और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें।

इसके अलावा, आप स्थानीय पंडित या पुजारी से संपर्क करके और उनके मार्गदर्शन में पूजा का विवरण प्राप्त कर सकते हैं।

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Maa Mahagauri is the goddess of the eighth and last day of Navratri, also known as “Mahagauri”, which means “very white”. Her idol is very simple, and she is adorned with sandalwood and clad in white clothes.

Mother Mahagauri is considered one of the seven beauties. By worshiping him the devotees attain purity, peace and restraint. By worshiping Mother Mahagauri on this day, it is believed that by her grace the devotees
attain purity of mind, speech and body.

During his worship the devotees attain peace and prosperity. Therefore, the worship of Maa Mahagauri is done with special devotion and reverence.

Preparation of puja place: Choose a pure and clean place for puja. This place should be easily accessible and suitable for worship. Decorate the place of worship with white clothes, Apoorva and flowers.

Arrival and installation: Install the idol of Maa Mahagauri at the place of worship. Keep them in mind and prepare for the puja.

Invocation and praise: Invoke Mother Mahagauri and pray to her. Chant their names and sing their praises.
Mantras: या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ वन्दे वांछित कामार्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्। सिंहारूढाचतुर्भुजामहागौरीयशस्वीनीम्॥

Parts of worship: Other parts of worship for Maa Mahagauri may include abhishek, applying sandalwood, offering floral tributes, lighting lamps, performing aarti, offering sweets, and distributing prasad.

Devotion and dedication: Surrender your mind, words, and actions at the feet of Mother Mahagauri. Pray for his grace and blessings.

Also, you can get the details of the puja by contacting the local pandit or priest and getting under their guidance.

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