Goddess Katyayani : देवी कात्यायनी, नवदुर्गा के तीसरे रूपों में से एक हैं जो नवरात्रि के नौ दिनों के अवसर पर पूजा जाता है। वे मां पार्वती की तीसरी रूप मानी जाती हैं और उन्हें विवाहित जीवन की देवी के रूप में पूजा जाता है।
माँ कात्यायनी की पूजा करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जा सकता है:
- शुद्धि और स्नान: पूजा करने से पहले, शुद्धि के लिए स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थल की तैयारी: एक साफ और सुगम्य स्थान का चयन करें जहां पूजा की जा सके। माँ कात्यायनी की मूर्ति को स्थापित करें।
- ध्यान और मंत्र जप: माँ कात्यायनी का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जाप करें। “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” यह मंत्र पूजा में उपयोगी है।
- पूजा आरंभ: माँ कात्यायनी के प्रति पूजा आरंभ करें। फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (मिठाई या फल), चावल, कुमकुम, अगरबत्ती आदि का उपयोग करें।
- कथा और आरती: माँ कात्यायनी के विशेषता कथा का पाठ करें और उनकी आरती गाएं।
- प्रसाद वितरण: पूजा के बाद, प्रसाद को बांटें और अन्य लोगों को भी दें।
यह सिर्फ एक साधारण तरीका है, प्रत्येक स्थान और परिस्थिति के अनुसार विभिन्न प्रथाओं का पालन किया जा सकता है। आपके द्वारा चुने गए पूजा विधि में आप अपने आस-पास के पुजारियों या धार्मिक गाइड से सलाह लें।
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Goddess Katyayani: is one of the third forms of Navadurga who is worshiped during the nine days of Navratri.
She is considered the third form of Mother Parvati and is worshiped as the goddess of married life.
You can worship Maa Kushmanda by following these steps:
Purification and Bath: Before performing puja, take bath for purification and wear pure clothes.
Preparation of puja place: choose a clean and accessible place where the puja can be performed. Install the idol of Mother Katyayani.
Meditation and Mantra Chanting: Meditate on Maa Katyayani and chant her mantras. “Om Devi Katyayanyai Namah” This mantra is useful in worship.
Start of worship: Start worship towards Mother Katyayani. Use flowers, incense, lamp, naivedya (sweets or fruits), rice, kumkum, incense sticks etc.
Katha and Aarti: Recite the special story of Maa Katyayani and sing her aarti.
Prasad Distribution: After the puja, distribute the prasad and give it to other people also.
You should consult the priests or religious guides near you in the method of worship if you choose.